Sham Savere Dekhu Tujhko
शाम सवेरे देखु तुझको कितना सुंदर रूप है !
तेरा साथ ठंडी छाया बाकी दुनिया धूप है !
जब जब भी इसे पुकारू मै !
तस्वीर को इसकी निहारू मै !
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने !!
खुश हो जाएगर सावरिया किस्मत को चमका देता !
हांथ पकडले अगर किसी का जीवन धन्यबना देता !
यह बातें सोच विचारू मै !
तस्वीर को इसकी निहारू मै !
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने !!
गिरने से पहले ही आकर बाबा मुझे संभालेगा !
पूरा है विश्वास है कभीतू तूफ़ानो से निकालेगा !
ये तनमन तुझपे वारु मै !
तस्वीर को इसकी निहारू मै !
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने !!
श्याम के आगे मुझको तो ये दुनिया फिकी लगती है !
जिस मोह में और जान है वो इतनी नजदीकी लगती है !
अपनी तक़दीर सवांरु मै !
तस्वीर को इसकी निहारू मै !
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने !
ओ मेरा श्याम आजाता मेरे सामने !!