Shiv Ji Ki Aarti: शिव जी की आरती

Shiv Ji Ki Aarti

Shiv Ji Ki Aarti: शिव जी की आरती करने के अनेक लाभ हैं। यह आरती मानसिक शांति और आत्मिक सुकून प्रदान करती है, जिससे तनाव और चिंता कम होती है। शिव जी की आरती से भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा और बल मिलता है, जो जीवन में कठिनाइयों का सामना करने में सहायक होता है। यह नियमित पूजा और भक्ति की भावना को प्रबल करती है, जिससे जीवन में समृद्धि और संतुलन आता है। इसके अलावा, शिव जी की आरती परिवार में एकता और सामाजिक सौहार्द को भी बढ़ावा देती है, जिससे संबंध मजबूत और सुखमय बनते हैं।

जय शिव ओंकारा, स्वामी ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव…॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव…॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव…॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव…॥

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव…॥

जय शिव ओंकारा हर ॐ शिव ओंकारा|
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव अद्धांगी धारा॥ ॐ जय शिव ओंकारा…॥

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