Danke Ki Chot Pe: डंके की चोट एक प्रसिद्ध कहानी है जिसमें भगवान श्री कृष्ण की भक्ति और समर्पण की शक्ति का प्रदर्शन होता है। एक बार एक भक्त ने भगवान कृष्ण से कहा कि वह एक दिन उसे डांके की चोट पर भजन गाकर सुनाएंगे। भगवान कृष्ण ने भक्त की बात को स्वीकार किया और उसे कहा कि इसे भजन गाते समय चोटी पर रखें। भक्त ने अपनी भक्ति और विश्वास के साथ भजन गाया। भगवान कृष्ण ने उसकी भक्ति को स्वीकार कर उसकी इच्छाओं को पूरा किया। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सच्ची भक्ति और समर्पण से भगवान हमारी सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।
हार के आवे जो इसकी शरण,
ले ले अपनी ओट में,
मेंरा श्याम काम करे,
यारो डंके की चोट पे।।
खाटू का यो दर बाबा,
करता वारे न्यारे से,
जो जग से हारा बाबा,
वो बस तेरे सहारे से,
दिल से करूँ शुकर तेरा,
तू खड्या सपोर्ट में,
मेंरा श्याम काम करे,
यारो डंके की चोट पे।।
खाटू में के धर राख्या,
जो नशा कसूता हो जासे,
एक बार जो आवे खाटू,
खाटू में ही खो जासे,
काम तेरा नहीं बनेगा जो,
तेरे दिल में खोट से,
मेंरा श्याम काम करे,
यारो डंके की चोट पे।।
चाँद भी फीका लागे जबसे,
देख्या बाबा रूप तेरा,
ग्यारस ने दुल्हन सा सजया,
जचे से खाटू खूब तेरा,
मोरछड़ी का झाड़ा बाबा,
कर दे मौज से,
मेंरा श्याम काम करे,
यारो डंके की चोट पे ||