Saraswati Chalisa Lyrics: सरस्वती चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति को कई लाभ प्राप्त होते हैं। यह देवी सरस्वती की पूजा का एक प्रभावशाली माध्यम है, जो ज्ञान, बुद्धि और विद्या की देवी मानी जाती हैं। नियमित रूप से सरस्वती चालीसा का पाठ करने से शिक्षा में सुधार होता है और संज्ञानात्मक क्षमताओं में वृद्धि होती है। यह मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता को बढ़ावा देती है, जिससे अध्ययन और कार्य में सफलता मिलती है। इसके अलावा, यह बौद्धिक और रचनात्मक क्षमताओं को प्रोत्साहित करता है और आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है। सरस्वती चालीसा के पाठ से मानसिक शांति और ध्यान की स्थिति प्राप्त होती है, जो जीवन की समस्याओं को सुलझाने में सहायक होती है। इस प्रकार, यह भक्ति और प्रेरणा का सशक्त स्रोत है।
॥ दोहा ॥
जनक जननि पद कमल रज,निज मस्तक पर धारि। बन्दौं मातु सरस्वती,बुद्धि बल दे दातारि॥
पूर्ण जगत में व्याप्त तव,महिमा अमित अनंतु। रामसागर के पाप को,मातु तुही अब हन्तु॥
॥ चौपाई ॥
जय श्री सकल बुद्धि बलरासी।जय सर्वज्ञ अमर अविनासी॥
जय जय जय वीणाकर धारी।करती सदा सुहंस सवारी॥
रूप चतुर्भुजधारी माता।सकल विश्व अन्दर विख्याता॥
जग में पाप बुद्धि जब होती।जबहि धर्म की फीकी ज्योती॥